मध्यप्रदेश, गुजरात की तर्ज पर कर रहा है उद्योगों का तेजी से विकास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

मध्यप्रदेश, गुजरात की तर्ज पर कर रहा है उद्योगों का तेजी से विकास : मुख्यमंत्री डॉ. यादव

भारत टैक्स 2026 से पहले मेटेक्सिल के विशेष-सत्र में उद्योग प्रतिनिधियों की सहभागिता
आरआईसी और जीआईएस भोपाल के बाद अब विषयवार उद्योग संवर्धन कार्यक्रम प्राथमिकता
प्रधानमंत्री मोदी ने वैश्विक परिदृश्य बदल दिया है, देश के नागरिक एकजुट हैं
इंदौर मेट्रोपोलिटिन एरिया के विकास का संकल्प
कारखाने हमारे हैं मंदिर

भोपाल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि मध्यप्रदेश देश के मध्य में होने, श्रमिकों, सहयोगी नागरिकों, सड़क और अन्य आवागमन सुविधाओं, प्रशासनिक प्रक्रियाओं की सरलता के कारण औद्योगिक निवेश के लिए सर्वाधिक अनुकूल राज्य है। गुजरात हमारे लिए आदर्श है। मध्यप्रदेश भी गुजरात की तर्ज पर उद्योगों के विकास का कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि हाल ही में बेंगलुरू में भारत अर्थ मूवर्स लिमिटेड (बीईएमएल) द्वारा मध्यप्रदेश में रायसेन जिले में मेट्रो और रेल कोच निर्माण इकाई की स्थापना के लिए की गई पहल पर त्वरित कार्रवाई कर कुल 60.063 हेक्टेयर भूमि आवंटन का निर्णय बिना विलंब के लिया गया। यह प्रदेश की उद्योग संवर्धन और निवेश वृद्धि की पारदर्शी नीति का नवीनतम उदाहरण है। मध्यप्रदेश उद्योगों के अनुकूल नीतियों को लागू कर उस स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में शामिल है, जिसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी प्रयासरत हैं। उन्होंने हाल ही में पाकिस्तान को मुँहतोड़ जवाब देकर सशक्त नेतृत्व की बेहतरीन मिसाल पेश की है। 'मुख्यमंत्री डॉ. यादव शुक्रवार की शाम इंदौर में टेक्सटाइल एक्सपो को संबोधित कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों से देश का समूचा परिदृश्य बदल गया है। उद्योगों के विकास के साथ धन के अर्जन के साथ मानवीय पक्ष को महत्व देने की भारतीय संस्कृति रही है। कोरोना के कठिन समय में प्रधानमंत्री मोदी ने अनेक देशों में लोगों का जीवन बचाने का कार्य किया। यह भारत के इतिहास का गौरवशाली पृष्ठ है। आपरेशन सिंदूर के क्रियान्वयन में प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व और भारत की सेनाओं का साहस हम सभी के लिए हर्ष और गर्व का विषय है। एक वस्त्र की बुनाई के लिए जिस तरह एक-एक धागे का अपना महत्व है, उसी तरह संकट के समय में भारत के सभी नागरिक भेदभाव से रहित होकर एकजुटता का परिचय देने में आगे रहे हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि कारखाने हमारे लिए मंदिर की तरह हैं। देवालय और मंदिर जिस तरह श्रद्धा का केंद्र होते हैं, उसी तरह कारखाने बड़े वर्ग को लाभान्वित करने के पवित्र भाव के साथ संचालित होते हैं। शासन द्वारा लागू अनुकूल नीतियों और सुशासन का लाभ उद्योगों को दिलाने के लिये मध्यप्रदेश में विशेष अभियान चल रहा है। मध्यप्रदेश में जो उद्योगपति आते हैं वे यहीं के होकर रह जाते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गत वर्ष मध्यप्रदेश के सभी संभागों में रीजनल इन्डस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित की गईं। इसके बाद इस वर्ष फरवरी में भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का सफल आयोजन हुआ। इन प्रयासों से 30 लाख हजार करोड़ से अधिक का निवेश लाने में सफलता मिली। अब विभिन्न सेक्टर को ध्यान में रखकर उद्योग संवर्धन कार्यक्रम हो रहे हैं। यह क्रम निरंतर चलेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि इंदौर स्वच्छता, स्वाद और सुशासन की नगरी है। प्रदेश में टेक्सटाइल क्षेत्र में नया इतिहास लिखा जाएगा। इंदौर इसका प्रमुख केंद्र होगा। मुख्यमंत्री डॉ यादव ने कहा कि इंदौर, उज्जैन ,देवास, मक्सी आदि क्षेत्रों को मिलाकर इंदौर मेट्रोपोलिटिन एरिया विकसित किया जाएगा। अधोसंरचना विकास से नागरिक सुविधाएं बढ़ेंगी। प्रदेश के 2 बड़े महानगरीय क्षेत्रों में से एक, इंदौर क्षेत्र के समग्र विकास का संकल्प राज्य सरकार साकार करेगी।

राज्यों के मध्य विवाद हो रहे समाप्त

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि पानी, भूमि और फसल के मुद्दों पर दक्षिण भारत से लेकर अन्य राज्यों तक विवाद रहे हैं। लेकिन, अब प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में इनका समाधान हो रहा है। मध्यप्रदेश ने वर्षों से लंबित पार्वती-कालीसिंध-चम्बल (पीकेसी) परियोजना से जुड़ी असहमतियों को राजस्थान के साथ संवाद कर समाप्त किया है। राष्ट्र के विकास के लिए प्रधानमंत्री मोदी राज्यों के परस्पर विवादों को समाप्त करने का ऐतिहासिक कार्य कर रहे हैं।

प्रमुख सचिव, औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि प्रदेश में निवेश के लिए एक समर्थ, अनुकूल और प्रतिस्पर्धी औद्योगिक वातावरण विकसित किया गया है। राज्य न केवल पॉवर सरप्लस है, बल्कि कुल विद्युत आपूर्ति में 30 प्रतिशत हरित ऊर्जा का योगदान है। टेक्सटाइल क्षेत्र के लिए विशेष अवस्थापना सुविधाएं विकसित की गई हैं, जिनमें पानी की प्रचुर उपलब्धता, SCADA-नियंत्रित यूटिलिटीज, ज़ीरो लिक्विड डिस्चार्ज (ZLD) युक्त कॉमन एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट (CETP), 220 केवी का सब स्टेशन तथा 20 एमएलडी पानी की आपूर्ति शामिल हैं। धार में प्रधानमंत्री मेगा इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल रीजन एंड अपैरल (PM MITRA) पार्क देश का सबसे लागत-कुशल और उच्चतम रिटर्न देने वाला इंटीग्रेटेड टेक्सटाइल पार्क बनने की दिशा में अग्रसर है, जहाँ 100 प्रतिशत भूमि अधिग्रहित कर ली गई है।

प्रमुख सचिव सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ 4 औद्योगिक कॉरिडोर संचालित हो रहे हैं और एक प्रस्तावित है। छह इनलैंड कंटेनर डिपो (ICD) तथा राष्ट्रीय स्तरीय संस्थान जैसे NIFT भोपाल, NID भोपाल, IITDM जबलपुर और ग्लोबल स्किल्स पार्क की उपस्थिति से प्रदेश एक सशक्त और आधुनिक मूल्य श्रृंखला विकसित करने में सक्षम है। MSME विकास नीति 2025 के अंतर्गत निर्यात और वैश्विक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देने के लिए भी व्यापक सहायता प्रावधान किए गए हैं।

सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश में निवेश का बेहतर वातावरण है। यहां कहीं भी किसी बात के लिए उद्योगपतियों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। यहां पर सभी अनुमतियों को लेख सेवा केंद्र के माध्यम से नियत समय सीमा में दिए जाने का प्रावधान किया गया है। यहां 30 दिन में उद्योग को प्रारंभ कर सकते हैं साथ ही टैक्सटाइल एंड गारमेंट्स सेक्टर में विशेष अतिरिक्त इंसेंटिव्स दिए जाते हैं।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के औद्योगिक योगदान और पर्यावरणीय दृष्टिकोण को सम्मानित करते हुए मेटेक्सिल के चेयरमैन शालीन तोशनीवाल ने स्मृति चिन्ह एवं अंगवस्त्र भेंट किए। साथ ही 25 पौधे महाराष्ट्र में रोपण कर उन्हें जीवित रखने का संकल्प-पत्र भी सौंपा।"

"एक्सपोर्ट पोटेंशियल मैन मेड फाइबर टेक्सटाईल्स, होम टेक्सटाईल्स एण्ड टेक्निकल टेक्सटाईल मध्यप्रदेश" सेमिनार मैटेक्सिल के एक्जिक्यूटिव डायरेक्टर ए. रवि कुमार ने मैटेक्सिल की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की यात्रा पर विस्तृत जानकारी दी। साथ ही भारत टैक्स-2026 की रूपरेखा बतायी।

मैटेक्सिल के पूर्व चेयरमैन संजीव सरन ने मेटेक्सिल की भूमिका और भारत टेक्स जैसे आयोजनों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। वर्तमान चेयरमैन शालीन तोषनीवाल ने अतिथियों का स्वागत करते हुए मैटेक्सिल की आगामी योजनाओं की जानकारी दी। सेमिनार में देश के विभिन्न हिस्सों से आए टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े प्रतिनिधियों ने मध्यप्रदेश को निवेश की दृष्टि से एक उभरते केंद्र के रूप में देखा।

तकनीकी-सत्रों में टेक्सटाइल क्षेत्र के विशेषज्ञों द्वारा मध्यप्रदेश से मैनमेड फाइबर टेक्सटाइल, होम टेक्सटाइल और टेक्निकल टेक्सटाइल के निर्यात की संभावनाओं प्रशांत अग्रवाल (प्रबंध निदेशक, वज़ीर एडवाइजर्स) और धीरज शाह पूर्व चेयरमैन मेटेक्सिल व चेयरमैन, फेयरडील टेक्सटाइल पार्क, सूरत ने अपने व्यावसायिक अनुभव साझा किए। फेयरडील टेक्सटाइल पार्क पर शॉर्ट फिल्म का प्रदर्शन किया गया। मैटेक्सिल के पूर्व चेयरमैन संजीव सरन ने आभार प्रकट किया। टेक्सटाइल एक्सपो में नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, सांसद शंकर लालवानी सहित विधायक एवं जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में उद्योगपति शामिल रहे।

 

India Edge News Desk

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